Shah Jahan
शाहजहाँ (1627 – 1658)
वास्तविक नाम – खुर्रम।
राजधानी – आगरा के स्थान पर दिल्ली को बनाया।
दिल्ली में लाल क़िले का निर्माण कराया।
इसी ने तख़्त-ए-ताउज (मयूर सिंहासन) का निर्माण करवाकर दिल्ली के लाल क़िले में रखवाया
इस मयूर सिंहासन को 1739 ई० में नादिर शाह(फारस का शासक) मुग़ल बादशाह मो० शाह रंगीला को करनाल के युद्ध में हराकर ले गया था।
मयूर सिंहासन पर बैठने वाला अंतिम मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला था।
शाहजहां ने आगरा में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया
दिल्ली के लाल किले में स्थित मोती मस्जिद औरंगजेब ने बनवाई थी इसके शासनकाल को स्थापत्य कला (शाहजहां का स्वर्णकाल) कहते हैं।
शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी अर्जुमंद बानो बेगम (मुमताज महल) की याद में आगरा में ताजमहल का निर्माण करवाया
ताजमहल का प्रमुख वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी था
इस के शासनकाल में आने वाले कुछ प्रमुख विदेशी यात्री –
मनूची (इटली)
ट्रैवरनिअर (पुर्तगाल)
पीटर मुंडी (इंग्लैंड)
अन्य बातें –
सिज़दा पैबोस के स्थान पर चहार तसलीम (हाथ को चूमना) की शुरुआत की
इलाही संवत के स्थान पर हिजरी सम्वत प्रारंभ किया
1649 ई० कंधार मुगलों के हाथ से हमेशा के लिए निकल गया
मकबरा – आगरा